साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3549
बरेली, उत्तर प्रदेश
1940
मौत के ब'अद भी तो चलता है ज़िंदगी तेरे जब्र का नाटक फूल हँसते हुए ही जाते हैं शाख़ से बाग़बाँ की झोली तक
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