मौत की घड़ी (कविता)

जिस क्षण तुम्हें मृत्यु
लेने आएगी
उसकी आँखों में मत देखना

सिर्फ़ कहना
देखो तुम्हारे हाथ कितने गंदे हैं
देखो तुम्हारी घड़ी कब से
बंद है


रचनाकार : अनिरुद्ध उमट
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