साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3564
कटनी, मध्य प्रदेश
1966
बर्तन, भाड़े, घर गिरवी, कोर्ट खींचता खाल! मिलें प्रकरण पर तारीख़ें! घनचक्कर यहीं से सीखें! मुक़दमेबाजी हुई है अब जी का जंजाल! कोर्ट है, पुलिस है, चोर है! आपस में जुड़ती डोर है! देख महँगा न्याय बूझे विक्रम से बेताल!
अगली रचना
पिछली रचना
साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।
रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें