साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3571
कटनी, मध्य प्रदेश
1966
बर्तन, भाड़े, घर गिरवी, कोर्ट खींचता खाल! मिलें प्रकरण पर तारीख़ें! घनचक्कर यहीं से सीखें! मुक़दमेबाजी हुई है अब जी का जंजाल! कोर्ट है, पुलिस है, चोर है! आपस में जुड़ती डोर है! देख महँगा न्याय बूझे विक्रम से बेताल!
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