साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
1846 - 1921
मेहरबानी है अयादत को जो आते हैं मगर, किस तरह उन से हमारा हाल देखा जाएगा।
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