नवप्रभात नवचेतना (दोहा छंद)

सोमदेव की कृपा से, शीतल भाव विचार।
उषाकाल की लालिमा, करे सुखद संसार।।

श्रवण मनन चिन्तन सदा, मौन बने नित शक्ति।
समाधान हर प्रश्न हो, बिना किसी अनुरक्ति।।

शुद्ध चित्त शुभ चिन्तना, हो मानव कल्याण।
मिटे सकल जग आपदा, रोग शोक से त्राण।।

खिले प्रकृति पा रवि किरण, बने धरा गुलज़ार।
अस्मित मुख सुख सम्पदा, मानव बने उदार।।

नवप्रभात नव चेतना, चढ़ें लक्ष्य सोपान।
खिलें सफलता फूल सब, पाएँ यश सम्मान।।

कोरोना संसार से, मिटे विकट संताप।
भज निकुंज शिव शक्ति को, हरें दुःख परिताप।।


लेखन तिथि : 18 मई, 2020
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