नववर्ष की शुभकामना (गीत)

हे प्रभु! नव वर्ष में गिरते हुओं को थामना।
है यही नव वर्ष की मंगलमयी शुभकामना॥

भूख से पीड़ित शिशु, जिनको नहीं मिलता निवाला।
जिसने सड़कों के किनारे, बिता सारा समय डाला॥
उन सभी का सर्द रातों में ख़तम हो काँपना।
है यही नव वर्ष की मंगलमयी शुभकामना॥

देश अपना रहे मिलकर, प्यार से, सहकार से।
नई पीढ़ी बचे अपनी, नशे से, व्यभिचार से॥
और सबके मन में उपजे, हे प्रभु! सद्भावना।
है यही नव वर्ष की मंगलमयी शुभकामना॥

देश में कम हो प्रदूषण, और भ्रष्टाचार भी।
अपने कर्त्तव्यों को समझें लोग भी, सरकार भी॥
देश के ख़ुशहाल जीवन की बढ़े सम्भावना।
है यही नव वर्ष की मंगलमयी शुभकामना॥


लेखन तिथि : 2024
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