साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
बेगूसराय, बिहार
1983
कठिन राह के दुर्गम मार्ग पर, जाना है तो जाओ। नई उमंग और नई तरंग, लेकर वापस आओ। अपने ख़ुशी के इस अवसर पर, अतीत के ग़म भूल जाओ, नई प्रभात के नए किरण में, क्षितिज को छू जाओ।
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