नए वित्त वर्ष का हुआ आग़ाज़ (कविता)

नए वित्त वर्ष का हुआ आग़ाज़, होगा एक नया अंदाज़,
नववर्ष की इस बेलि पर, लिखेंगे नए कुछ अल्फ़ाज़।
ज़िन्दगी को देंगे नया एक मोड़, वक़्त का आएगा नया एक दौर,
31 मार्च गुज़र गई, आई 1 अप्रैल की नई भोर।

बीते वर्ष का होगा लेखा जोखा, नया साल लिखेगा नया मुस्तक़बिल,
भूलकर पहली सारी ग़लतियाँ, बना लो ख़ुद को कुछ ज़्यादा क़ाबिल।
इस साल की तस्वीर होंगी अलग, होगा एक नया प्रारब्ध,
साल के इस पहले दिन से ही, पूरे साल का लिखेंगे प्रबंध।

वक़्त के साथ चलेंगे हम, सफलता चूमेंगी हमारे क़दम,
नए वर्ष की पहली किरण, बजाएगी ख़ुशियों की सरगम।
एक ख़ुशनुमा पल होगा, नई कोशिशों की दिशा होंगी,
समय देगा उसीका साथ, कोशिशें जिसकी दिल से होंगी।

एक साल गुज़र गया, नए साल का हुआ आगमन,
चारों तरफ हो ख़ुशियाँ अपार, सुखमय हो हर घर आँगन।
अनसुलझी पहेलियाँ सुलझेगी, पूरे होंगे अधूरे अरमान,
घर-घर बजेंगे ढ़ोल नगाड़े, घर-घर गूँजेगे मंगलगान।


लेखन तिथि : 1 अप्रैल, 2022
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