ओ सनम (गीत)

ओ सनम ओ सनम ओ सनम ओ सनम,
तू ही दिल मे समाया सनम ओ सनम।
तुझमे पाया ख़ुदाया सनम ओ सनम,
आज जी भर जिया हूँ मैं सौ-सौ जनम।
ओ सनम ओ सनम... 2

कितना घायल था मैं कितना तड़पा था मैं,
प्यार सदियों पुराना जेहन में छिपा
लम्हा-लम्हा सनम तुझको तरसा था मैं।

अब तो मिटने लगे रास-ए-ज़ुल्म-ओ-सितम,
आज जी भर जिया हूँ मैं सौ-सौ जनम।
ओ सनम ओ सनम... 2

गंगा जल जैसा जानम मेरा प्यार है,
तू इबादत मेरी मेरा एतबार है,
साथ छूटेगा ना तेरा सातों जनम।
आज जी भर...
ओ सनम ओ सनम... 2

रूह की प्यास तू मेरा हर आस तू,
तू है जन्नत मेरी मेरा अहसास तू।
तू हक़ीक़त मेरी तू ख़ुदा का रहम,
मेरे ख़्वाबों की मलिका तू मेरा करम।

आज जी भर...
ओ सनम ओ सनम...


लेखन तिथि : 11 जुलाई, 2021
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