साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
बरेली, उत्तर प्रदेश
1940
फूल ख़ुद अपने हुस्न में गुम है उस को कब चाहने की फ़ुर्सत है आओ काँटों से दोस्ती कर लें जिन को हमदर्द की ज़रूरत है
पिछली रचना
साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।
रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें