वह कि जिसकी मौत कभी नहीं होती
निर्दोष और निर्विकार है जो
किसी भी शरीर में रहे
किसी भी रूप में
किसी के पास
चिंता क्यों होती है उसको लेकर
क्यों होती है शंका अपने अहित की?
हित ही सधा न हो जिससे
कैसे करेगा अहित?
किसी भी शरीर में
किसी भी रूप में
किसी के भी पास रहकर
है तो निर्दोष
है तो निर्विकार
वह कि जिसकी मौत कभी नहीं होती।
साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है।
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