साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
ग्वालियर, मध्य प्रदेश
1917 - 1991
प्रेम क्या किसी मृदूष्ण स्पर्श का भिखारी? प्रेम वो प्रपात गीत दिवारात गा रहा अशांत प्रेम आत्मा-विस्मृत पर लक्ष्य-च्युत शिकारी। प्रेम वह प्रसन्न खेत में निरन्न दुर्भिक्षावसन्न सृजक कृषक खड़ा दीन अन्नाधिकारी।
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