साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
कटनी, मध्य प्रदेश
1979
तुम्हें औषध मिले, पीर न मिले दृष्टि मिले, दृश्य न मिले नींदें मिलें, स्वप्न न मिले गीत मिलें, धुन न मिले नाव मिले, नदी न मिले प्रिय! तुम पर प्रेम के हज़ार कोड़े बरसें तुम्हारी पीठ पर एक नीला निशान तक न मिले
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