प्रिय पत्नी पवित्र प्रेम पारावार पाकर,
जीवन पहेली प्रियतम पार किया है।
परिवार पालन पोषण प्रेरणा पति की,
सुख संग जीवनसाथी जीवन जिया है॥
समानता सरसता सुहृदता से सजनी,
स्वर्ग-सा सुहावना सदन सब किया है।
'मारुत' महिला क्षमाशील करुणा आगार,
मृदु प्रेमपूर्ण वचन पीयूष पिया है॥

 
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