साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
बैतूल, मध्य प्रदेश
1936 - 2017
पुराने अँधेरे को गा रही हैं सफ़ेद चिड़ियाएँ जिस पेड़ पर गा रही हैं असमय झर रही हैं उसकी पत्तियाँ मैं चाहता हूँ ऊँघने लग जाएँ जमुहाई लेते हुए पत्थर बेहतर हो सो ही जाएँ पता नहीं धरती के किस हिस्से पर कौन कवि कर रहा है अपना अंतिम कविता-पाठ।
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