पुस्तक (कविता)

जिसने हमें बचपन में काकाहारा सिखाया,
ईकाई-दहाई पढ़ाया, अक्षर ज्ञान कराया।

जिससे ज्ञानार्जन कर रोज़गार था पाया,
जीवन की हर मुश्किल का हल हमें बताया। 

जिसने गौरवशाली अतीत से साक्षात्कार कराया,
हमें हमारी पौराणिक धरोहरों से मिलवाया।

जिसके अध्ययन से मंगल तक पहुँच बनाई,
चाँद से ज़रा से चूके, नज़र गगन से नहीं हटाई।

जिसको रात दिन पढ़कर डॉक्टर बन पाते,
जीवन रक्षा करते भगवान तुल्य कहलाते। 

जिसके अध्ययन से इंजीनियर भी बन जाते,
दुरम्य पहाड़ों में सुरम्य अटल टनल बनाते।

जिसके गहन पाठ-पाठन से मुनीम सीए कहलाए।
मल्टीनेशनल कम्पनियों में सीईओ तक बन जाए।

जिसकी धाराए पढ़ अधिवक्ता बन दाम कमाते,
दुखियारों के हित संरक्षक बन अदालत में जाते।

जिसको पढ़ व्यापारी खाते स्वंय लिख पाता,
अर्थ-प्रबंधन, क्रय-विक्रय सब एक साथ निभाता।

जो अतीत में भोज-ताम्र पत्र से जानी जाती,
ऐसी पोथी किताब ग्रंथ पुस्तक है कहलाती।।


लेखन तिथि : 6 जनवरी, 2021
यह पृष्ठ 230 बार देखा गया है
×


इनकी रचनाएँ पढ़िए

साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।

            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें