साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
सीतापुर, उत्तर प्रदेश
1889 - 1934
राह-ओ-रस्म-ए-इब्तिदाई देख ली इंतिहा-ए-बेवफ़ाई देख ली सामने तारीफ़ ग़ीबत में गिला आप के दिल की सफ़ाई देख ली अब नहीं मिलना किसी से भी पसंद सब की अच्छाई बुराई देख ली नाम भी दामन पे सुर्ख़ी का नहीं दीदा ओ दिल की कमाई देख ली बे-ख़बर हैं वो मिरे हालात से नाला-ए-दिल की रसाई देख ली इश्क़ अपना है फ़क़त इतना 'रवाँ' अच्छी सूरत आगे आई देख ली
अगली रचना
पिछली रचना
साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।
रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें