जीवन में रफ़्तार
बहुत मायने रखती है,
कभी कम, कभी बहुत कम
तो कभी ज़्यादा और ज़्यादा
पर रफ़्तार पर नियंत्रण
सबसे ज़्यादा ज़रूरी है।
उतावलापन और अति आत्मविश्वास
बहुत भारी भी पड़ सकता है,
हमें ही नहीं हमारे अपनों को
जीवन भर के घाव भी दे सकता है।
माना कि रफ़्तार का आज बोलबाला है
मगर सबकुछ रफ़्तार ही तो नहीं है
जीवन रहेगा तो रफ़्तार काम आएगी,
जीवन जब रहेगा ही नहीं
तो भला रफ़्तार हमारे किस काम आएगी।
रफ़्तार की भी बड़ी कहानी है,
पर जीवन के बिना रफ़्तार
सिर्फ़ बेमानी है।
रफ़्तार और जीवन का इतना ही नाता है,
जीवन के बिना रफ़्तार किसके काम आता है।
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