सावन आया (गीत)

बेटी तेरा बावा बुट्टा री—के सावन आया।
अम्मा मेरे भाई को भेजो जी—के सावन आया।
बेटी तेरा भाई तो बालारी—के सावन आया।
अम्मा मेरे मामूं को भेजो जी—के सावन आया।
बेटी तेरा मामूं बांका री—के सावन आया।।


रचनाकार : अमीर ख़ुसरो
यह पृष्ठ 161 बार देखा गया है
स्रोत :
पुस्तक : अमीर खुस्रो
पृष्ठ संख्या : 74
रचनाकार : अमीर ख़ुसरो
सम्पादक : सय्यद गुलाम सम्नानी
प्रकाशन : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया
×
आगे रचना नहीं है


पिछली रचना

जब यार देखा नैन भर
कुछ संबंधित रचनाएँ


इनकी रचनाएँ पढ़िए

साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।

            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें