स्नेह प्यार का बंधन राखी (गीत)

भाई बहन का पर्व मनोहर, भैया मान बढ़ाना।
स्नेह प्यार का बंधन राखी, बहना से बंधवाना॥
ये रक्षाबंधन, विमल प्रेम का बंधन। रक्षाबंधन है स्नेह प्यार का बँधन॥

प्रेम भाव के सूत्रों से ये, हाथ सजाई जाती।
रक्षा भाव जगाकर राखी, शुभ संकल्प दिलाती॥
मूल्यवान यह धागा भाई, इसका मोल चुकाना।
स्नेह प्यार का बंधन राखी,बहना से बंधवाना॥
ये रक्षाबंधन, विमल प्रेम का बंधन। रक्षाबंधन है स्नेह प्यार का बँधन॥

सूत्र प्यार का कवच बने, बहना की रक्षा करना।
संकट हों चाहे जैसा भी, रक्षक कभी न डरना॥
ख़ुद मिट जाना भाई पर, बहना की मान बचाना।
स्नेह प्यार का बंधन राखी, बहना से बंधवाना॥
ये रक्षाबंधन, विमल प्रेम का बंधन। रक्षाबंधन है स्नेह प्यार का बँधन॥

माथे शोभित तिलक बहन से, उन्नत भाल रहेगा।
बहना की रक्षा करने, भैया तैयार मिलेगा॥
नहीं सताना बहना को, भाई हो फ़र्ज़ निभाना।
स्नेह प्यार का बंधन राखी, बहना से बंधवाना॥
ये रक्षाबंधन, विमल प्रेम का बंधन। रक्षाबंधन है स्नेह प्यार का बँधन॥

मान बढ़ाएँ नारीशक्ति का, विकसित राष्ट्र बनेगा।
संताने संस्कारी होंगी, सभ्य समाज बनेगा॥
हर नारी श्रद्धा की देवी, मन में भाव जगाना।
स्नेह प्यार का बंधन राखी, बहना से बंधवाना॥
ये रक्षाबंधन, विमल प्रेम का बंधन। रक्षाबंधन है स्नेह प्यार का बँधन॥


रचनाकार : उमेश यादव
लेखन तिथि : 2023
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