साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
भोजपुर, बिहार
1989
1. सूरज हूँ मैं प्रकाश बिखेरता तम मिटाता 2. सौर मंडल गतिशील रहता परिक्रमा में 3. ऊर्जा स्रोत हूँ संचरण करता जोश भरता 4. जीव जगत निर्भर मुझ पर जीवन हेतु 5. वंदनीय हूँ साक्षात देवरूप आशीष देता 6. मैं अटल हूँ कर्तव्य पथ पर धैर्य ना खोता 7. गुरु भी हूँ हनुमान सा वीर पैदा करता
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