स्त्रियों आपको वंदन हमारा (कविता)

समस्त स्त्रियों आपको वंदन है हमारा,
गाँव और शहर आपसे लगता प्यारा।
मंगलकारी होता घर आगमन तुम्हारा,
महकता हर घर होता सारे उजियारा‌।।

आपके बिन किसी का चलें न गुज़ारा,
सब घर की आँखों का आप सितारा।
स्वस्थ और समृद्ध ये हिंदुस्तान प्यारा,
जग-मग कर देती मिटा देती अँधेरा।।

धरा का कण-कण आपसे महक रहा,
त्याग एवं बलिदानों से इतिहास भरा।
नदियाँ गंगा यमुना कावेरी एवं नर्मदा,
आगें बढ़ते रहो कहती रहती ये धारा।।

आपके नाम से गुँजायमान जग सारा,
राधा सीता महागौरी की आप छाया।
वंदनीय रूपों में आप धरा पर पधारी,
माँ बहन ‌बेटी एवं बनती आप भार्या।।

ममता की है मूरत भोली भाली सूरत,
कर देती है ‌प्रेम में सबकुछ समर्पित।
पत्नी धर्म निभाकर वंश आगें बढ़ाया,
जीवन का आधार प्रेरणा हो हिम्मत।।

परचम आपने हर जगह पर लहराया,
दो-दो कुलों का आपने मान बढ़ाया।
अन्तरिक्ष रहस्य गगन छूकर दिखाया,
प्रतिभाओं में हर जगह पाँव जमाया।।


रचनाकार : गणपत लाल उदय
लेखन तिथि : 7 मार्च, 2022
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