सुबह की दुआ (कविता)

जीवित रहे मेरी रज़ाई जिसने मुझे पाला
जीवित रहे सुबह जो मेरी ख़ुशी है

और रहें फिर संसार में वे जिन्हें रहना है।


रचनाकार : असद ज़ैदी
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