स्वागत है तुम्हारा हे नववर्ष! (कविता)

पलकें बिछाए खड़े हम सभी,
दिलों में है हमारे अपार हर्ष।
शुभ मंगल की कामना संग,
स्वागत है तुम्हारा हे नववर्ष!

रसधार बहे सर्वदा प्रेम की,
सुख समृद्धि में हो उत्कर्ष।
सर्वत्र शांति की कामना संग,
स्वागत है तुम्हारा हे नववर्ष!

सत्य अहिंसा परम धर्म बने,
नैतिक मूल्य हो हमारे आदर्श।
सर्व कल्याण की कामना संग,
स्वागत है तुम्हारा हे नववर्ष!

चढ़ें सीढ़ियाँ सफलता की,
ज्ञान विज्ञान से छू लें अर्श।
जग प्रसिद्धि की कामना संग,
स्वागत है तुम्हारा हे नववर्ष!

प्रगति रथ की तीव्र गति से,
आनंदित हो हमारा भारतवर्ष।
आशीष वर्षा की कामना संग,
स्वागत है तुम्हारा हे नववर्ष!


रचनाकार : आशीष कुमार
लेखन तिथि : 30 दिसम्बर, 2022
यह पृष्ठ 232 बार देखा गया है
×

अगली रचना

परोपकार की देवी मदर टेरेसा


पीछे रचना नहीं है
कुछ संबंधित रचनाएँ


इनकी रचनाएँ पढ़िए

साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।

            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें