स्वीकार करें मेरा प्रणाम (कविता)

हे! दिव्य शक्ति माँ सरस्वती
स्वीकार करें मेरा प्रणाम,
दिव्य गुणों को धारण कर
बन जाऊँ मैं देव समान।

हे! ज्ञानदायनी माँ सरस्वती
स्वीकार करें मेरा प्रणाम,
ज्ञान चेतना बुद्धि मिले
प्रदान करें हमें परमज्ञान।

हे! वेदों की जननी माँ सरस्वती
स्वीकार करें मेरा प्रणाम,
वेदों के गूढ़ रहस्यों को समझें
जीवन में हो धर्म अध्यात्म।

हे! वीणावादिनी माँ सरस्वती
स्वीकार करें मेरा प्रणाम,
मधुर स्वरों से गुंजित हो जीवन
प्रेममय हों चारों याम।

हे! वागेश्वरी माँ सरस्वती
स्वीकार करें मेरा प्रणाम,
बनें वागीश ऐसा वर दें
मिले मेरी वाणी को सम्मान।

हे! श्वेत वारिणी माँ सरस्वती
स्वीकार करें मेरा प्रणाम,
चार भुजाएँ वर मुद्रा में
वाणी बुद्धि शक्ति व ज्ञान।

हे! मोक्षदायनी माँ सरस्वती
स्वीकार करें मेरा प्रणाम,
मुक्त हों इस मोह माया से
पा जाऊँ मैं मुक्ति धाम।।


रचनाकार : सीमा 'वर्णिका'
लेखन तिथि : 14 फ़रवरी, 2021
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