तारीफ़ बताऊँ शेर की क्या क्या है (रुबाई)

तारीफ़ बताऊँ शेर की क्या क्या है
नग़्मों की सदाक़त इस से ख़ुद पैदा है
असलियत-ए-हाल जिस से मख़्फ़ी रह जाए
हुशियार कि वो शेर नहीं धोका है


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