साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
करीमनगर, तेलंगाना
1942 - 2008
कभी अपने नवजात पंखों को देखता हूँ कभी आकाश को उड़ते हुए। लेकिन ऋणी मैं फिर भी ज़मीन का हूँ जहाँ तब भी था—जब पंखहीन था तब भी रहूँगा जब पंख झर जाएँगे।
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