वाम वाम वाम दिशा (कविता)

वाम वाम वाम दिशा,
समय साम्यवादी।
पृष्ठभूमि का विरोध अंधकार-लीन। व्यक्त...
कुहाऽस्पष्ट हृदय-भार, आज हीन।
हीनभाव, हीनभाव
मध्यवर्ग का समाज, दीन।

किंतु उधर
पथ-प्रदर्शिका मशाल
कमकर की मुट्ठी में—किंतु उधर :
आगे-आगे जलती चलती है
लाल-लाल
वज्र-कठिन कमकर की मुट्ठी में
पथ-प्रदर्शिका मशाल।

भारत का
भूत-वर्तमान औ’ भविष्य का वितान लिए
काल-मान-विज्ञ मार्क्स-मान में तुला हुआ
वाम वाम वाम दिशा,
समय ׃ साम्यवादी।
अंग-अंग एकनिष्ठ
ध्येय-धीर
सेनानी
वीर युवक
अति बलिष्ठ
वामपंथगामी वह...
समय ׃ साम्यवादी।

लोकतंत्र-पूत वह
दूत, मौन, कर्मनिष्ठ
जनता का ׃
एकता-समन्वय वह...
मुक्ति का धनंजय वह
चिरविजयी वय में वह
ध्येय-धीर
सेनानी
अविराम
वाम-पक्षवादी है...
समय ׃ साम्यवादी।


यह पृष्ठ 485 बार देखा गया है
×

अगली रचना

एक पीली शाम


पिछली रचना

सींग और नाख़ून
कुछ संबंधित रचनाएँ


इनकी रचनाएँ पढ़िए

साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।

            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें