साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश
1938 - 2000
कंधे पर रखा हाथ मन को न छू रहा हो अगर व्यर्थ है। चेहरे पर टिकी निगाह आत्मा को न देख रही हो अगर व्यर्थ है। आलिंगनबद्ध देह बोध की सीमा न लाँघ रही हो अगर व्यर्थ है।
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