वो मुझ को क्या बताना चाहता है (ग़ज़ल)

वो मुझ को क्या बताना चाहता है
जो दुनिया से छुपाना चाहता है

मुझे देखो कि मैं उस को ही चाहूँ
जिसे सारा ज़माना चाहता है

क़लम करना कहाँ है उस का मंशा
वो मेरा सर झुकाना चाहता है

शिकायत का धुआँ आँखों से दिल तक
तअ'ल्लुक़ टूट जाना चाहता है

तक़ाज़ा वक़्त का कुछ भी हो ये दिल
वही क़िस्सा पुराना चाहता है


रचनाकार : वसीम बरेलवी
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