साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
1926 - 1997
ईश्वर न करे तुम कभी ये दर्द सहो! दर्द, हाँ अगर चाहो तो इसे दर्द कहो; मगर ये और भी बेदर्द सज़ा है ऐ दोस्त! कि हाड़-हाड़ चिटख जाए मगर दर्द न हो!
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