साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
बागेश्वर, उत्तराखण्ड
1900 - 1977
यथार्थ का दर्पण जिस प्रकार जगत की बाह्य परिस्थितियाँ हैं, उसी प्रकार आदर्श का दर्पण मनुष्य के भीतर का मन है।
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