साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
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छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश
1953
न गोलियाँ चल रही हैं न बम गिर रहे हैं इलाक़े में न तोपों की आवाज़ बुलंद है न अजनबी छायाएँ हैं आस-पास हमारा घर आज ख़ौफ़ में नहीं न ही कोई बड़ी ख़बर हमले की आज की रात आओ प्यार कर लें जी भरके न जाने ये रात, कल नसीब हो न हो।
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