साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
मेडक, तेलंगाना
1908 - 1969
ये रक़्स रक़्स-ए-शरर ही सही मगर ऐ दोस्त दिलों के साज़ पे रक़्स-ए-शरर ग़नीमत है क़रीब आओ ज़रा और भी क़रीब आओ! कि रूह का सफ़र-ए-मुख़्तसर ग़नीमत है
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