यूँ लगे तेरे तज़्किरा से अगर (क़ितआ)

यूँ लगे तेरे तज़्किरा से अगर
नाम मेरा हटा दिया जाए
जैसे इक फूल की कहानी से
ज़िक्र-ए-ख़ुशबू उड़ा दिया जाए


रचनाकार : वसीम बरेलवी
  • विषय : -  
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