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इंसान नहीं हम पंछी हैं
सुषमा दीक्षित शुक्ला
हम इनसान हैं...
मंगलेश डबराल
इंसान बनो
अटल बिहारी वाजपेयी
आदमी लगने लगा है कोई हौआ
अविनाश ब्यौहार
चूहा और मैं
हरिशंकर परसाई
हर तरफ़ हर जगह बे-शुमार आदमी
निदा फ़ाज़ली
उस के दुश्मन हैं बहुत आदमी अच्छा होगा
निदा फ़ाज़ली
सिर्फ़ मरते हैं यहाँ हिन्दू, मुसलमाँ या दलित
सूर्य प्रकाश शर्मा 'सूर्या'
शायद कि मर गया मिरे अंदर का आदमी
ख़ालिद महमूद
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