❮
❯
जीवन में साहित्य का स्थान - प्रेमचंद
साहित्य का आधार जीवन है। इसी नींव पर साहित्य की दीवार खड़ी होती है, उसकी अटारियाँ, मीनार और गुम्बद बनते हैं; लेकिन बुनियाद मिट्टी के नीचे दबी पड़ी है। उसे देखने को भी जी नहीं चाहेगा। जीवन परमात्मा की सृष्टि है; इसलिए अनन्त है, अबोध है, अगम्य है। साहित्य मनुष्य की सृष्टि है; इसलिए सुबोध है, सुगम है और मर्यादाओं से परिमित है। जीवन परमात्मा को अपने कामों का जवाबदेह है या नहीं, हमें मालूम नहीं, लेकिन साहित्य तो मनुष्य के सामने जवाबदेह है। इसके लिए क़ानून है जिनसे वह इधर-उधर नहीं हो सकता। जीवन का उद्द... साहित्य का आधार जीवन है। इसी नींव पर साहित्य की दीवार खड़ी होती है, उसकी अटारियाँ, मीनार और गुम्बद बनते हैं; लेकिन बुनियाद मिट्टी के नीचे दबी पड़ी है। उसे देखने को भी जी नहीं चाहेगा। जीवन परमात्मा की सृष्टि है; इसलिए अनन्त है, अबोध है, अगम्य है। साहित्य मनुष्य की सृष्टि है; इसलिए सुबोध है, सुगम है और मर्यादाओं से परिमित है। जीवन परमात्मा को अपने कामों का जवाबदेह है या नहीं, हमें मालूम नहीं, लेकिन साहित्य तो मनुष्य के सामने जवाबदेह है। इसके लिए क़ानून है जिनसे वह इधर-उधर नहीं हो सकता। जीवन का उद्देश्य ही आनन्द है। मनुष्य जीवनपर्यन्त आनन्द ही की खोज में पड़ा रहता है। किसी को वह रत्न-द्रव्य मे मिलता है, किसी को भरे-पूरे परिवार में, किसी को लम्बे-चौड़े भवन में, किसी को ऐश्वर्य में। लेकिन साहित्य का आनन्द, इस आनन्द से ऊँचा है, इससे पवित्र है, उसका आधार सुन्दर और सत्य है। वास्तव मे सच्चा आनन्द सुन्दर और सत्य से मिलता है। उसी आनन्द को दर्शाना, वही आनन्द उत्पन्न करना, साहित्य का उद्देश्य है। ऐश्वर्य या भोग के आनन्द में ग्लानि छिपी होती है। उससे अरुचि भी हो सकती है, पश्चात्ताप भी हो सकता है; पर सुन्दर से जो आनन्द प्राप्त होता है, वह अखंड है, अमर है।
❮
❯
हिन्दी-साहित्य - प्रवीन 'पथिक'
स्त्रोतस्विनी की क्षीण धारा की भाँति साहित्य का भाव भी पहले अत्यंत सूक्ष्म तदनंतर विस्तृत होता गया। विभिन्न विद्वानों ने साहित्य को भिन्न-भिन्न भावों से अपनी अभिव्यक्ति प्रदान की। महावीर प्रसाद द्विवेदी ने साहित्य को ज्ञानराशि का संचित कोष माना तो आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के शब्दों में, "प्रत्येक देश का साहित्य वहाँ की जनता की चित्तवृत्ति का संचित प्रतिबिम्ब होता है" वस्तुतः यह सर्वग्रह्य स्वीकृति है कि साहित्य समाज का दर्पण होता है, यह भाषा के माध्यम से जीवन की अभिव्यक्ति प्रस्तुत करता है। किसी ... स्त्रोतस्विनी की क्षीण धारा की भाँति साहित्य का भाव भी पहले अत्यंत सूक्ष्म तदनंतर विस्तृत होता गया। विभिन्न विद्वानों ने साहित्य को भिन्न-भिन्न भावों से अपनी अभिव्यक्ति प्रदान की। महावीर प्रसाद द्विवेदी ने साहित्य को ज्ञानराशि का संचित कोष माना तो आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के शब्दों में, "प्रत्येक देश का साहित्य वहाँ की जनता की चित्तवृत्ति का संचित प्रतिबिम्ब होता है" वस्तुतः यह सर्वग्रह्य स्वीकृति है कि साहित्य समाज का दर्पण होता है, यह भाषा के माध्यम से जीवन की अभिव्यक्ति प्रस्तुत करता है। किसी देश काल या समाज का सच्चा परिचायक उसका निजी साहित्य ही होता है। साहित्य और समाज का संबंध अन्योन्याश्रित है। साहित्यकार शून्य में रचना नही कर सकता; कारण, वह स्वयं जगत का एक अंग है। साहित्य हमारे अमूर्त, अस्पष्ट भावों को मूर्त कर देता है और उनका परिष्कार भी करता है। साहित्य मानव जीवन की ऐसी ग्रंथि है, जिस पर सहृदय का हृदय पूर्णरूपेण अवलंबित रहता है क्योंकि साहित्य हमें एक संस्कृति और एक जातीयता के सूत्र में बाँधे रखता है। यद्यपि जैसा हमारा साहित्य होता है यथावत हमारी मनोवृत्तियाँ बन जाती है। हम उन्हीं के अनुकूल आचरण करने लगते हैं। इस प्रकार साहित्य केवल हमारे समाज का दर्पण मात्र न रहकर उसका नियामक और उन्नायक भी होता है। भिन्न-भिन्न कालों में भिन्न-भिन्न पत्र-पत्रिकाओं ने साहित्य के प्रचार-प्रसार में अपनी अहम् भूमिका निभाई है। यथा_ कवि वचन सुधा, ब्राह्मण, सरस्वती, इंदु, जागरण, हंस आदि पत्रिकाओं का साहित्य में अमूल्य योगदान रहा, जिसका विषय मुख्यतः मानवता की रक्षा, नारी शिक्षा पर बल, देश प्रेम आदि रहा। आज वैसे ही हमारा "साहित्य रचना परिवार" उन्हीं विषयों को लक्ष्य करके अपने व्यापक रूप में विशाल जन समूह को जोड़ते हुए देश के कोने-कोने से विद्वान साहित्यकारों को उनके उचित सम्मान दिलाने तथा हिन्दी साहित्य की समृद्धि को उच्चतम शिखर पर ले जाने के लिए कटिबद्ध है, इस विशेष लक्ष्य में इसकी सफलता अवश्यंभावी है, इसमें किंचित संदेह नही।




आभा बोधिसत्व
राजेश राजभर
श्वेता चौहान 'समेकन'
बिंदेश कुमार झा
मदन लाल राज
पवन कुमार मीना 'मारुत'
जिगर मुरादाबादी
प्रेमशंकर शुक्ल
जावेद आलम ख़ान
महेश चंद्र पुनेठा
साहिर लुधियानवी
मोहन राणा
अरविंद चतुर्वेद
मदन वात्स्यायन
रामनरेश त्रिपाठी
इब्बार रब्बी
मंसूर उस्मानी
नुसरत मेहदी
नरेंद्र शर्मा
अच्युतानंद मिश्र
जतिन्दर परवाज़
नक़्श लायलपुरी
निवेदिता
अमीर मीनाई
डॉ॰ भावना
राग़िब अख़्तर
जाँ निसार अख़्तर
नलिन विलोचन शर्मा
अतुल कनक
अरुण देव
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कमलेश भट्ट 'कमल'
सवाई सिंह शेखावत
ऋतुराज
विकास जोशी वाहिद
राजकुमार कुंभज
विष्णु खरे
परमानंद श्रीवास्तव
अरुणाभ सौरभ
एकांत श्रीवास्तव
वसीम बरेलवी
अशोक चक्रधर
गोविन्द गुलशन
ईशांत त्रिपाठी
बाबुषा कोहली
जानकीवल्लभ शास्त्री
श्रीविलास सिंह
मख़दूम मुहिउद्दीन
विजय राही
मुकेश निर्विकार
अब्दुल मलिक ख़ान
किशन सरोज
योगेंद्र कुमार लल्ला
निलय उपाध्याय
मेला राम वफ़ा
आग्नेय
प्रमोद कुमार
बृज नारायण चकबस्त
रांगेय राघव
जावेद अख़्तर
अशोक वाजपेयी
नरेश सक्सेना
ख़ालिद महमूद
जगत मोहन लाल रवाँ
जगदीश चतुर्वेदी
शमशेर बहादुर सिंह
कैलाश झा किंकर
श्रीधर पाठक
अनुज लुगुन
इरफ़ान सिद्दीक़ी
नरेन्द्र पुण्डरीक
भरत व्यास
उदयन वाजपेयी
फ़हमी बदायूनी
सफ़ी लखनवी
हसरत मोहानी
मख़मूर सईदी
आलोक श्रीवास्तव
हरीशचन्द्र पाण्डे
हेमन्त शेष
प्रभाकर माचवे
क़तील शिफ़ाई
सूर्य प्रकाश शर्मा 'सूर्या'
चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव 'ज़ानिब'
साग़र निज़ामी
प्रमोद कौंसवाल
ज़ाहिद अबरोल
इक़बाल सुहैल
श्याम नंदन पाण्डेय 'श्यामजी'
शैलप्रिया
लाल्टू
रघुवीर सहाय
सुनीता प्रशांत
रोहित सैनी
सुनील खेड़ीवाल 'सुराज'
चन्द्रकान्त देवताले
ओम् प्रकाश 'आदित्य'
शलभ श्रीराम सिंह
शतदल
अदम गोंडवी
वेणु गोपाल
शरद बिलाैरे
असरार-उल-हक़ मजाज़
रुचि बहुगुणा उनियाल
मलिकज़ादा मंज़ूर अहमद
सुदीप बनर्जी
फ़राग़ रोहवी
दूधनाथ सिंह
लीलाधर मंडलोई
रेखा राजवंशी
शैलेश मटियानी
हरिनारायण व्यास
अर्पिता राठौर
जयंत परमार
विनोद दास
अष्टभुजा शुक्ल
कलीम आजिज़
रामविलास शर्मा
शंकरानंद
विजयदेव नारायण साही
बद्री नारायण
स्वप्निल श्रीवास्तव
ज्योति चावला
मलखान सिंह
मजरूह सुल्तानपुरी
संजय चतुर्वेदी
प्रतापनारायण मिश्र
तरुण भटनागर
उमेश यादव
अनिल कुमार सिंह
हेमन्त कुमार शर्मा
गणेश भारद्वाज
जयप्रकाश मानस
सूर्यभानु गुप्त
काका हाथरसी
अंजुम रहबर
ख़ुमार बाराबंकवी
फ़ानी बदायुनी
केदारनाथ मिश्र 'प्रभात'
कन्हैयालाल सेठिया
रमेश रंजक
अतुल अजनबी
मदन मोहन दानिश
शुभा
सियारामशरण गुप्त
उद्भ्रान्त
शैलेन्द्र
असद ज़ैदी
नन्द किशोर आचार्य
विहाग वैभव
अनिरुद्ध उमट
मनीषा कुलश्रेष्ठ
चतुरसेन शास्त्री
ज़फ़र हमीदी
ज़फ़र ताबिश
गोबिन्द प्रसाद
प्रयाग नारायण त्रिपाठी
पंकज चतुर्वेदी
हरिशंकर परसाई
सुमन राजे
विंदा करंदीकर
गिरिजा कुमार माथुर
शकुन्त माथुर
इस्मत चुग़ताई
डॉ॰ अबू होरैरा
डॉ॰ नेत्रपाल मलिक
महेश कुमार हरियाणवी
विजय कुमार सिन्हा
शाद अज़ीमाबादी
अली सरदार जाफ़री
सुरेन्द्र प्रजापति
डॉ॰ रोहित श्रीवास्तव 'सृजन'
श्याम सुन्दर अग्रवाल
सुशील कुमार
बहादुर शाह ज़फ़र
मीर तक़ी 'मीर'
सुनीता भट्ट पैन्यूली
निहाल सिंह
अखिलेश श्रीवास्तव
गोकुल कोठारी
अकबर इलाहाबादी
मिर्ज़ा ग़ालिब
नरेश मेहता
धर्मवीर भारती
रविंद्र दुबे 'बाबू'
अर्चना मिश्रा
नवीन नाथ
अवनीत कौर 'दीपाली'
नागार्जुन
माखनलाल चतुर्वेदी
कुँवर नारायण
अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
राघवेंद्र सिंह
गंग
केशव
विद्यापति
भवानी प्रसाद मिश्र
रामचंद्र शुक्ल
प्रशान्त 'अरहत'
कुँअर बेचैन
फ़िराक़ गोरखपुरी
बशीर बद्र
सुमित्रानंदन पंत
सुभद्रा कुमारी चौहान
सोहन लाल द्विवेदी
अज्ञात
केदारनाथ अग्रवाल
डॉ॰ कुमार विनोद
ब्रजेश कुमार
जयप्रकाश 'जय बाबू'
डॉ॰ ममता बनर्जी 'मंजरी'
मयंक द्विवेदी
दीपक झा 'राज'
कबीर
आशीष कुमार
एल॰ सी॰ जैदिया 'जैदि'
मोनी रानी
अनिल भूषण मिश्र
रंजीता क्षत्री
विनय विश्वा
अजय कुमार 'अजेय'
डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
आशाराम मीणा
डॉ॰ सत्यनारायण चौधरी 'सत्या'
सीमा 'वर्णिका'
मोहन चंद वर्मा
आनन्द कुमार 'आनन्दम्'
रवि भूषण सिन्हा
विजय कृष्ण
हरदीप बौद्ध
प्रवल राणा 'प्रवल'
मनजीत भोला
गौतम कुमार कुशवाहा
संजय राजभर 'समित'
कमला वेदी
रतन कुमार अगरवाला
सुनील माहेश्वरी
विपिन दिलवरिया
सतीश मापतपुरी
पुनेश समदर्शी
अनिल मिश्र प्रहरी
अमृत 'शिवोहम्'
संतोष ताकर 'खाखी'
अंकुर सिंह
परमजीत कुमार चौधरी 'सोनू'
अभिषेक अजनबी
अमित राज श्रीवास्तव 'अर्श'
रमेश चंद्र बाजपेयी
सलिल सरोज
राम प्रसाद आर्य
दीपक राही
अभिनव मिश्र 'अदम्य'
प्रवीण श्रीवास्तव
सुषमा दीक्षित शुक्ला
गणपत लाल उदय
शमा परवीन
समय सिंह जौल
रोहित गुस्ताख़
संस्कृती शाबा गावकर
दिलशेर 'दिल'
सैयद इंतज़ार अहमद
प्रवीन 'पथिक'
पारो शैवलिनी
मनोज यादव 'विमल'
कर्मवीर 'बुडाना'
मधुस्मिता सेनापति
नमन शुक्ला 'नया'
चीनू गिरि गोस्वामी
ममता शर्मा 'अंचल'
सुधीर श्रीवास्तव
समुन्द्र सिंह पंवार
अविनाश ब्यौहार
सरिता श्रीवास्तव 'श्री'
विमल कुमार 'प्रभाकर'